Pullwama attack poem in hindi 2

                                      जल रहें है दिये घरों में
                                       चमकती हुई शाम है,
                                       उदास है उस घर का दिया
                                     सरहद में जिसका जवान हैं..............
14 फरवरी,2019 वो दिन जब भारत को उस मंजर का सामना करना पड़ा जो शायद ही किसी ने सपने में भी सोचा हो। भारतीय सैनिकों को लें जा रहे सी०आर०पी०एफ के वाहनों पर पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकवादी समूह जैश- ए- मोहम्मद द्वारा आत्मघाती हमला हुआ जिसमें हमारे 45 वीर सपूत वीरगति को प्राप्त हुए। यदि इस दुर्घटना के दर्द को शब्दों में व्यक्त किया जाए तो शब्दावली में शब्दों का अभाव पड़ जाएगा। वैसे तो इस व्यथा को शब्दों की डोरी में पिरोना कठिन है परंतु मैंने इस पीड़ा को शब्दों द्वारा एक आधार देने का प्रयत्न किया है।👇 
कहाँ गए वो .........! 
किसी को अपनी बहन की डोली उठानी थी
किसी को अपने छोटे भाई को पढ़ाना था
किसी को अपने बच्चे को गोद में उठाना था
किसी को अपने माँ बाप का वादा निभाना था
पर अब कहाँ गए वो ?

लिखनी उनको देश की अमर कहानी थी 
वो कह गए उन्हें बस देश के लिए शहादत पानी थी
पर अब कहाँ गए वो ? कहाँ गए वो ?

सलाम हैं उस माँ को जिसने उन्हें जन्मा
सपना था जिनका देश के लिए कुछ करना 
पर अब कहाँ गए वो ?

जिन्हें पंद्रह दिनों बाद घर जाना था
उन्हें क्या पता था कि मौत उनका इंतजार कर रही
उन्हें तो अभी बहुत कुछ करना था
पर अब कहाँ गए वो ?

कहाँ गए वो वादे कहाँ गए वो इरादे
क्या हो गई हमसे चूक
बस एक सवाल कहाँ गए वो ?
क्यों हमें छोड़ गए वो ?   क्यों........
                                           क्यों.........
                                                       क्यों.............
BY Bhavya Sharma 
यदि आप को यह कविता पसंद आई हो तो कृप्या कर अपने भाव नीचे Comment Box में व्यक्त करें तथा Follow करें और आगे Share करें।
अन्य कविताओं के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 

https://poetoriaworld.blogspot.com/

Comments

Popular Posts