Womens day special. /A hats off to the creators of the world/ Hats off to women
हम स्त्री है !
कभी दिल में ख्याल आता है हम स्त्री है अभिशाप नहीं ,
हमारी कुर्बानियों का कोई माप नहीं।
हमारे ताप के सामने सूर्य का कोई ताप नहीं,
हम स्त्री है अभिशाप नहीं।
जब अम्बे, जगदम्बे ने रूप धरा
दुष्टों का संहार करा,
तब ख्याल आया हम स्त्री है अभिशाप नहीं।
स्त्री का सम्मान कोई पाप नहीं,
हम स्त्री है अभिशाप नहीं।
औरत धरती पर स्वर्ग लाती है,
पर इसी स्वर्ग में उसकी दुर्गति की जाती है।
स्त्री जब अपने पर आती है ,
दुनिया बदल जाती है।
हम वरदान है अभिशाप नहीं,
हम स्त्री हैं अभिशाप नहीं।
स्त्री सशक्त है , सुंदर भी
स्त्री करुणा है, कपाने वाली दहाड़
स्त्री शाक्ति हैं, भक्ति भी
स्त्री रोशनी है, जलती आग की ताप भी
हम स्त्री हैं अभिशाप नहीं ।।
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जब अम्बे, जगदम्बे ने रूप धरा
दुष्टों का संहार करा,
तब ख्याल आया हम स्त्री है अभिशाप नहीं।
स्त्री का सम्मान कोई पाप नहीं,
हम स्त्री है अभिशाप नहीं।
औरत धरती पर स्वर्ग लाती है,
पर इसी स्वर्ग में उसकी दुर्गति की जाती है।
स्त्री जब अपने पर आती है ,
दुनिया बदल जाती है।
हम वरदान है अभिशाप नहीं,
हम स्त्री हैं अभिशाप नहीं।
स्त्री सशक्त है , सुंदर भी
स्त्री करुणा है, कपाने वाली दहाड़
स्त्री शाक्ति हैं, भक्ति भी
स्त्री रोशनी है, जलती आग की ताप भी
हम स्त्री हैं अभिशाप नहीं ।।
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बहुत खूब
ReplyDeleteआशीर्वाद भव्या। Hopeful for enabled future generation.👌🏼😊
ReplyDeleteGod bless bhavya.. It is too good☺❤
ReplyDeleteAwesome...
ReplyDeleteToo good. Cheers to the little poets!!!
ReplyDeleteFrom Nimisha Sharma
Very Nice bhavya♥️♥️
ReplyDeleteI am very lucky as I got a friend like you🥰🥰
God bless u rockstar...
ReplyDeleteVery beautiful poem...pure feelings..keep it up
ReplyDeleteVry nice bhavii
ReplyDeleteHappy birthday bhavya..🎁🎂🎉
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