Women harassment
अब डर लगता है !
अब डर लगता हैं सुनसान राहों पर, अंधेरा होने पर,
उन मोड़ों पर सड़क के उस कोने पर।।
अब डर लगता उन शिकारियों से, इज़्जत के लुटेरों से,
उन हवस के प्यासे झुंडों से, उन डेरों से।
अब डर लगता है मां को जब बेटी को कोई घूरता है,
क्योंकि समाज में इंसानियत नहीं सिर्फ क्रूरता है।
अब डर लगता हैं प्रियंका की चीखों से, निर्भया की पुकारें से,
उस जर्जर मंजर से छोड़ देने की उन गुहारों से।
अब डर लगता है उस हँसी से, कदमों की आहत से,
उस दरिंदगी से, उन दरिंदों की चाहत से।
अब डर लगता है बच्चों के बाहर खेलने जाने से,
उनकी सहमी निगाहों से, उनका बातें न बताने से।
Again you rocked amazing....
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