Pullwama attack poem in hindi
Pullwama Attack
रोशनी अन्धेरे में खो गई खुशियाँ गमों मे सो गई,
सुन यह खबर सारी जनता रो गई ।
आतंकवाद का वो ज़हर पी गए,
उसका वो कहर सह गए।
उधर प्रेमियों के प्रेम की शुरुआत थी,
तो उधर उनकी मौत से मुलाकात थी।
छोङ गए अपना परिवार अकेले ,
छोङ वो गए दुनिया का मेला ।
अब देश को नहीं रखना सब्र,
उन्हें चाहिए आतंकवादियों की कब्र।
उन आंसुओं की कीमत उन बिलखते चेहरे की कीमत चुकानी पडेंग़ी,
उन आतंक वादियों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।
नींद आंखों में हैं नहीं है तो सिर्फ आक्रोश,
अब नहीं बैठे तो हम खामोश।
जिन्होनें अपने लाडलों को बेखौफ सेना में भेजा था,
उन्हें क्या पता यह हो जाएगा , उनका राजा बेटा हमेशा के लिए सो जाएगा।
पर अब आंसु नहीं आतंकियों का नापाक लहू बहाना है,
उन्हें उन्हीं की जमीन में दफनाना है।
।।सलाम हैं शहीदों की शहादत को।।
written by BHAVYA SHARMA
Great
ReplyDeleteCongratulations
Proud to be your teacher
Proud of you my bestie...
ReplyDelete#talented
👌👌❤️❤️👍
ReplyDeleteReal patriot....
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